गीतिका/ग़ज़ल

हंसाएंगे फिर से

चलो आज उनको मनाएंगे फिर से
अगर मान जाएं हंसाएंगे फिर से..।।

शरारत के दिन वे अगर लौट आएं
चलो प्यार से फिर सताएंगे फिर से..।।

तुम्हीं थे मेरे कल तुम्हीं आज भी हो
अगर वो मिलेंगे बताएंगे फिर से..।।

मेरे मन के मंदिर में तुम ही बसे हो
मिलोगे कभी तो दिखाएंगे फिर से..।।

मेरे प्रेम में कुछ कमी न मिलेगी
मिलो तो सही हम निभाएंगे फिर से..।।

— विजय कनौजिया

विजय कनौजिया

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