कविता

गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस की सुबह आई है,
सबके चेहरे पर खुशियां छाई हैं।
अधिकार हमें इसी दिन मिले थे,
जीवन को आगे बढ़ा सकें हम,
नयी उम्मीद और नये पैगाम लाया है।
देश हमारा करें तरक्की,
यही अहसास दिलाता है।
संविधान का सब करें  सम्मान,
यही भावना जगाता है।
हाथ थाम कर एक दूसरे का,
आगे कदम बढ़ाना है।
वीरो ने जो संघर्ष किए,
उनको न कभी भूल पाएंगे।
आज फिर हम अपना,
हंसी खुशी के साथ,
गणतंत्र दिवस मनायेंगे।
— गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384