क्षणिका

मुस्कुराइए

मुस्कुराइए,
कि मुस्कुराने से आपकी आवाज की खनक भी खनकती है,
मुस्कुराइए,
कि मुस्कुराने से बिना पायल के ही आपकी चाल की झनक भी झनकती है,
मुस्कुराइए,
कि मुस्कुराने से आपकी आंखों की चमक भी चमकती है,
मुस्कुराइए,
कि मुस्कुराने से सकारात्मक ऊर्जा की मिकदार बढ़ती है,
मुस्कुराइए,
कि मुस्कुराने से पास आते हुए कोरोना के
डरकर पतली गली से खिसकने की झलक मिलती है.

मुस्कुराइये,
कि मुस्कुराने से आपके व्यक्तित्व भी चमकते हैं,
मुस्कुराइये,
कि मुस्कुराने से आपसी रिश्ते भी महकते हैं,
मुस्कुराइये,
कि मुस्कुराहट की चमक में दुख-कष्ट-क्लेश-कोरोना भी दूर खिसकते हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “मुस्कुराइए

  • लीला तिवानी

    “डर के आगे जीत है.” इसलिए कोरोना से डरिए मत, मुस्कुराकर उसका सामना कीजिए. पहले से ही बचाव के लिए सावधानियां बरतें, तो कोरोना पास आएगा ही नहीं.

  • लीला तिवानी

    मुस्कुराइये,
    कि मुस्कुराने से आपके व्यक्तित्व भी चमकते हैं ,
    मुस्कुराइये,
    कि मुस्कुराने से आपसी रिश्ते भी चमकते हैं ,,,
    मुस्कुराइये,
    कि मुस्कुराहट की चमक में दुख-कष्ट-क्लेश-कोरोना भी दूर खिसकते हैं

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