क्या 20 जुलाई 1969 को भारत के राष्ट्रपति के शपथग्रहण संवैधानिक तरीके से नहीं हुए थे ?
20 जुलाई 1969 को मानव ने न केवल चाँद पर पहुँचे, अपितु भारत में इस तिथि क्हुओ त बड़ी घटना हो गई. क्या 20 जुलाई 1969 को भारत में न तो कोई राष्ट्रपति थे, न ही उपराष्ट्रपति?
उस दिन भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश मो0 हिदायतुल्लाह जब कार्यकारी राष्ट्रपति बने, तो उनके जूनियर न्यायाधीश जे0 सी0 शाह ने उन्हें शपथ दिलाई ! जे0 सी0 शाह को मुख्य न्यायाधीश होने के लिए किसी ने शपथ नहीं दिलाई, जबकि भारतीय संविधान में महामहिम राष्ट्रपति को मुख्य न्यायाधीश ही शपथ दिलाएंगे, जबकि उस समय ही नहीं, बल्कि मो0 हिदायतुल्लाह 16 दिसंबर 1970 तक मुख्य न्यायाधीश रहे. राष्ट्रपति को शपथ दिलाने वाले (संवैधानिक रूप से पूर्णरूपेण) भारत के मुख्य न्यायाधीश उस दिन खुद राष्ट्रपति रूप में अपने जूनियर से शपथ ले रहे थे, जो कि संवैधानिक-संकट की स्थिति है ! बाद में न्यायमूर्ति जे0 सी0 शाह 17 दिसंबर 1970 को मुख्य न्यायाधीश बने. ध्यातव्य है, 20 जुलाई 1969 को कार्यवाहक राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति वी0 वी0 गिरि ने राष्ट्रपति के हाथों नहीं, अपितु उन्हें संबोधित उनके मेज पर इस्तीफा छोड़े थे, चूंकि राष्ट्रपति डॉ0 जाकिर हुसैन के निधन पर उपराष्ट्रपति वी0 वी0 गिरि कार्यवाहक राष्ट्रपति पद संभाले थे और दोनों पदरिक्ति लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति पद से भी वी0 वी0 गिरि ने त्यागपत्र दे दिए थे. अब बताइये, देश राष्ट्रपति के नाम से चलती है और 20 जुलाई 1969 को व इस तिथि से राष्ट्रपति पद “सटीक संवैधानिकरूपेण” नहीं रही है !
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