गीत/नवगीत

दिल आज हुआ है शायर फिर

दिल आज हुआ है शायर फिर होठों पे गज़ल आई,
बरस न जाएं आंसू फिर आंखों में घटा छाई
घनी अंधेरी दूर तलक शब नज़र न आए सहर
इंतज़ार अपने शबाब पर देखे राह नजर
आ जाओ ये दौर विरह का दूर करो तनहाई
बरस,,,,,,,
चले गये यूं तोड़ के रिश्ता दिल के दामनगीर
आंखों के आंसू देखे न देखी मन की पीर
जाने कहां गये तुमको अब तक न मेंरी याद आई
बरस,,,,,,,,,
आज निगाहें यार करम कर बीत न जाए शाम सुहानी
बदल न जाए मंज़र फिर से  चुप हो जाए दीवानी
तेरा नाम पुकारे धड़कन दिल तेरा शैदाई
बरस ,,,,,,,,
— पुष्पा “स्वाती” 

*पुष्पा अवस्थी "स्वाती"

एम,ए ,( हिंदी) साहित्य रत्न मो० नं० 83560 72460 pushpa.awasthi211@gmail.com प्रकाशित पुस्तकें - भूली बिसरी यादें ( गजल गीत कविता संग्रह) तपती दोपहर के साए (गज़ल संग्रह) काव्य क्षेत्र में आपको वर्तमान अंकुर अखबार की, वर्तमान काव्य अंकुर ग्रुप द्वारा, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री के कर कमलों से काव्य रश्मि सम्मान से दिल्ली में नवाजा जा चुका है