कविता

जय प्रकाश

है जय प्रकाश वह नाम
जिसे इतिहास आदर देता है।
जग में तुम थे देश की शक्ति, तुम ही थे इस देश की आशा ,
यहाँ वहां सर्वत्र तुम्ही थे , देते सबको सम्पूर्ण दिलासा,
प्रगति का आधार तुम्ही थे जन जीवन का आभार तुम्ही थे ,
काली अंधियारी रातों में जीवन का प्रकाश तुम्ही थे ,
शत शत युग तक याद रहेगा , जन जन के सरताज तुम्ही थे. –
नारायण थे नर के रूप में ,
राम सरीके मानव जग के,
यहाँ वहां तक जहाँ भी देखे,
नहीं मिलेगा कोई आप सरीखे,
— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845