लेखसामाजिकस्वास्थ्य

अब तो कोरोना के साथ जीवनयापन शुरू !

जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस जनित महामारी कोविड-19 से भयाक्रांत और त्रस्त है, जब 1 लाख से अधिक लोग इनसे मारे जा चुके हैं, ऐसे में भारत में भी 5500 से अधिक लोग मृत्यु को वरण कर चुके हैं और पौने 2 लाख से अधिक इस महामारी से ग्रस्त हैं । तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश में 22 मार्च को ‘जनता कर्फ़्यू’ की बात करना एक नवप्रयोग है, आम जनताओं द्वारा खुद पर मुहिम चलाने का सत्याग्रह है। अब तो पाँचों लॉकडाउन की अवधि 30 जून तक है । जब कोई भी वैज्ञानिक अथवा चिकित्साशास्त्रियों द्वारा इस वायरस से पार पाने के लिए कोई दवा, वैक्सीन या टीका विकसित नहीं है, तब हम भीड़-भाड़ और अनावश्यक मटरगश्ती से दूर रहकर व अपने को घरों में बंद रखकर ही इस वायरस के निकट नहीं आने की एक मानवीय पहल है, जो कि नजरबंदी नहीं है। अब तो कोरोना के साथ जिंदगी शुरू हो चुकी है।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.