सामाजिक

पलायन होना कितना दर्द भरा होता है 

देश के गाँव -शहरों में मजदूरों ,बेरोजगारों का हो या विदेश से अपने देश में वापस नोकरिया छूटने के कारण वापस लौटे या कहे पलायन से अपने देश आए लोगों की व्यथा का हो।विदेशों की बात करें तो अमेरिका में ही बेरोजगारी चरम पर पहुँच गई।दो माह में करोड़ो लोगों की नोकरियाँ चले जाने से दर महामंदी के बाद से सर्वोच्च स्तर पर जा पहुंची।कई देशों के लोग भी वहाँ बेरोजगार एवं संक्रमण देखते वापस अपने देश लौटने का मन बना चुके।कई देशों में पहले से ही बेरोजगारी है।हर गाँव के युवा रोज़गार की तलाश में शहरों में अपना भाग्य आजमा ही रहे।यदि विदेशो से आए बेरोजगार युवा देशों में  वापस आए तो संक्रमण के तालाबंदी की परिस्थिति में और तालाबंदी खुलने के बाद भी उन्हें रोज़गार मिलना असम्भव सा होगा।संक्रमण काल में तालाबंदी बढ़ती ही जा रही है। संक्रमण रोकना प्रमुख उदेश्य है। क्योकि जान है तो जहान है। पलायन होने पर जहाँ रहते उस जगह  सभी चीजों से मोह हो जाता है.रिश्ते बन जाते है। किन्तु परिस्थियाँ ही कुछ ऐसी बनी की मजबूरन पलायन की और रुख करना पड़ा।  वापस अपने घर आये पलायनकर्ता अब वापस जाने से कतरा रहे है.वे रूखी सूखी अपने घर में खाकर सुखी रहना चाहते है.रोजगार भी अपने ही गाँव शहरों में या शहरों गाँवों के आसपास तलाश करने लगे है। स्व रोजगार की चाहत रखने लगे। पलायन से उद्योगों में मजदूरों कमी से एक विकराल समस्या सामने आ खड़ी हुई है। अब महसूस होने लगा ‘पलायन होना कितना दर्द भरा होता है ‘  ये चिंतनीय प्रश्न ‘पलायन ‘का हल कब होगा ? ये देखना है।

— संजय वर्मा ‘दृष्टि’

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच