स्नेह बंधन
स्नेह
प्रेम
अनुराग
बिन
जीवन का
कोई
अर्थ
नहीं
बांधे रखता
आपस में
बस
एक
यही
पतला सा
स्नेह
अनुराग का धागा
माला के
सब मोती
जुड़े रहे
बस
इसके
ही
आलंबन से
टूटा धागा
बिखरे
मोती
माला रही
न
फिर माला
*ब्रजेश*
स्नेह
प्रेम
अनुराग
बिन
जीवन का
कोई
अर्थ
नहीं
बांधे रखता
आपस में
बस
एक
यही
पतला सा
स्नेह
अनुराग का धागा
माला के
सब मोती
जुड़े रहे
बस
इसके
ही
आलंबन से
टूटा धागा
बिखरे
मोती
माला रही
न
फिर माला
*ब्रजेश*