कविता

खुदीराम बोस की कहानी

तन मेंजोश और मन मे चिंगारी थी ।
देश की आजादी उनको प्यारी थी
भारत माता के क्रांतिकारी पुत्र।
मदिनीपुर में गूँजी किलकारी थी।
3 दिसम्बर 1989 में जन्म लिया।
माता लक्ष्मी प्रिया सयानी थी ।
अच्छे कुल में जन्म लिए।
पिता बापू त्रैलोक्य बोस।
जिनको पुत्र की जान प्यारी थी।
आजादी के अरमानों को लेकर
बचपन बनी जवानी थी।
देश की आजादी के लिए।
खुदीराम बोस ने मन मे ठानी थी।
फिरंगियों के सर चढकर बोले।
खुदीराम बोस की परवानी थी।
देश की आजादी के खातिर।
बचपन में दी बलिदानी थी ।
बड़े निडर खुदीराम बोस थे।
बहादुरी जिनकी निशानी थी।
मुजफ्फरनगर की जेल में हुई।
11 अगस्त 1908 में हुई ।
जिनकी कुर्बानी थी ।
जन्म से शहादत तक
बोस की यही  कहानी थी ।

— उषा साहू

उषा साहू

जिला- बलौदाबाजार राज्य-छत्तीसगढ़ मो 8236060630