हास्य व्यंग्य

अपराधी हैं तो का हुआ !

अपराधी हैं तो का हुआ !
एकतरफ आप अपराध करते जाइये, दूसरी तरफ आप इलेक्शन लड़ते जाइये और आपके राजनीतिक दल आपके कुख्याती का 3 बार प्रचार-प्रसार करेंगे !

हमारे उपनिषद में दर्ज है कि पहाड़ जैसे ‘पाप’ भी ध्यानयोग से खत्म हो जाते हैं, परंतु इनका तात्पर्य यह कदापि नहीं है कि एकतरफ आप पाप करते जाइये और दूजे तरफ इस पाप को खत्म करने के लिए ‘ध्यान’ करते जाइये! अपराधी तो अपराधी है, मेरे भाई!
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ससुराल गेंदा फूल !
‘गेंदा फूल’ जाड़े मौसम में होती है, इनका आशय है कि आप सिर्फ जाड़े ऋतु में ही ससुराल जाइये!
किन्तु जिनके ससुराल नहीं है, वह या तो ‘नागफनी फूल’ के साथ रहिये या जीवन भर ‘अप्रैल फूल’ मनाइये!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.