विजया दशमी
विजया दशमी । साल 2017 के दशहरे का दिन । दुर्गा पूजा का आख़िरी दिन। ‘माँ हमें शक्ति और बुद्धि दोनों प्रदान करो’ की शब्दजाप लिए श्रद्धालु आशीष माँगते रहे !
इस दिन हम प्रतीक रूप में रावण, कुम्भकर्ण, मेघनाद जैसे बुराइयों को श्रीराम, श्रीलक्ष्मण, श्रीहनुमान इत्यादि अच्छाइयों के प्रतीकों से ‘होम’ कराते हैं ! बुराइयों का अंत हो, हमारा ध्येय भी तो यही है ।
कोई धर्म भी ट्रैफिक नियमों की भाँति है, जिसतरह से भारत में हम सड़क की बाँयी ओर चलते हैं, ताकि वाहन आदि के दुर्घटना से बचा जा सके ! उसी भाँति धर्म हमें संस्कृति को धारण करने की सीख देता है ।
सूर्य का धर्म ताप देना, धरती का धर्म हरीतिमा प्रदान करना है…. हमारा धर्म भी राष्ट्र को बचाते हुए अपने नागरिकों को बचाना है…..