लघुकथा

लघुकथा-चिन्ता

स्कूल टाइम में गुड्डी को घर पर देख कर भाभी चौंक पड़ीं ।उन्होंने कलेंडर पर नजर डालते हुए पूछा,”गुड्डी ,आज तो कोई छुट्टी भी नहीं है फिर आज तुम स्कूल क्यों नहीं गईं ?”
        गुड्डी ने कहा,”भाभी जी, सरला और रत्ना भी आज स्कूल नहीं गईं हैं।”
       “अरे, ये क्या बात हुई? पड़ोस की लड़कियां कुएं में कूदेंगी तो क्या तुम भी कूद जाओगी। ऐसा देखा-देखी करना तो बिल्कुल गलत है।” भाभी ने नाराजगी जताते हुए कहा।
     गुड्डी ने सहमते हुए धीरे से कहा,”भाभी जी, हम सब सहेलियां एक साथ जाती हैं न तो गली के गुंडे हमें नहीं छेड़ते हैं। मुझे अकेले जाने में डर लगता है।”
      भाभी ने यह सुना तो उन्हें कुछ कहते नहीं बना । वे गुड्डी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठीं।
— डॉ.शैल चन्द्रा

*डॉ. शैल चन्द्रा

सम्प्रति प्राचार्य, शासकीय उच्च माध्यमिक शाला, टांगापानी, तहसील-नगरी, छत्तीसगढ़ रावण भाठा, नगरी जिला- धमतरी छत्तीसगढ़ मो नम्बर-9977834645 email- shall.chandra17@gmail.com