कविता

संकल्प

आखिरकार पुरखों का
देखा सपना पूरा हो रहा है,
सौभाग्य से सच होते
वे सपने देखने का अवसर
हमें मिल रहा है,
मन में उल्लास उमड़ रहा है।
पर अब हमारी भी
कुछ तो जिम्मेदारी है,
जब राम जी को मंदिर में
बैठाने की चल रही तैयारी है।
हमें भी अपने मन के
रावण को मारना होगा,
सच्चे मन,वचन,कर्म से
राम जी का अनुयायी बनना होगा।
मन का मैल निकाल कर
सबके हित रमना होगा।
रामराज्य की कल्पना को
साकार भी करना है मगर,
इसके लिए भी
जन जन को लगना होगा।
सिर्फ़ कल्पना के घोड़े दौड़ाने से
रामराज्य नहीं आने वाला,
इसके लिए जरुरी है
राम के आदर्शों को जीवन में
उतारना भी होगा,
अपने लिए नहीं ,बच्चों के लिए सही
रामराज्य की आधारशिला
हम सबको ही रखना होगा।
राम जी के आदर्शों पर चलकर ही
रामराज्य का संकल्प लेकर
पूरा भी करना होगा,
रामराज्य रूपी पुष्प
राम जी के चरणों में
अर्पण करना होगा,
रामराज्य लाकर ही
सुख चैन से सोना होगा।
■ सुधीर श्रीवास्तव

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921