कविता

स्वदेशी

आपको खुद से
अपने लोगों से
अपने परिवार से
अपने समाज से
अपने राष्ट्र और राष्ट्रीयता से
प्यार है तो
विचार कीजिए
स्वदेशी उपयोग का
सौगंध लीजिए।
विदेशी चमक धमक का
मोह छोड़िए,
स्वदेशी का उपयोग कीजिये।
आपका एक कदम
बहुतों को प्रेरणा देगा,
अपने लोगों
अपने देश का भला होगा।
अपने देशी उत्पादों का
वर्चस्व बढ़ेगा,
विदेशों मे भी देश का नाम
और अपने स्वदेशी उत्पादों
गुणगान बढ़ेगा,
देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी
विदेशी आत्मनिर्भरता
कम से कम होगी।
यदि हम सब
स्वदेशी अपनाएंगे,
झकमार विदेशी भी
हमारे पास आयेंगे।
विदेशों से हमारा
व्यापार बढ़ेगा,
विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा
देश का सम्मान बढ़ेगा,
हमारी और देश की
आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
फिर हमें क्या कमी होगी?

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921