धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विशेष सदाबहार कैलेंडर- 166

1.हर सुबह, हर सायं बहुत ही खुशनुमा हो,
कदम-कदम पर साथ मिलता रहे एक दूसरे का आपको!
जीवन में भरोसे और विश्वास का वास हो,,
ईश्वर का हर समय आशीर्वाद हो.

2.पल पल सुनहरे फूल खिलें,
कभी न हो कांटों का सामना,
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे,
आज के शुभ दिन पर है हमारी यही शुभ कामना.

3.धड़कने लगे दिल के तारों की दुनियाँ जो तुम मुस्कुरा दो,
संवर जाये हम बेकरारों की दुनियाँ जो तुम मुस्कुरा दो.

4.बात सहरा में चली जब हमारी प्यास की,
दूर तक फैली रही फिर चाँदनी एहसास की.

5.वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे !!
इन्सान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे !!
कल क्या होगा कभी मत सोचो !!
क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे !!

6.एक उद्देश्य के लिए काम करें, तालियों के लिए नहीं.
अपने जीवन को व्यक्त करने के लिए जिएं,
किसी को प्रभावित करने के लिए नहीं.

7.नए दिन की नई सुबह का, नया-नया अंदाज़,
सारे दिन की झोली में कुछ, छुपे हुए हैं राज़,
तुझको, मुझको, हर किसी को, मिलना है कुछ आज,
तो आओ प्यारो खुशी-खुशी, कर लें दिन का आग़ाज़.

8.भीड़ में अकेला होना निर्वाण है,
ऐसा कर पाने की भावना होना ज्ञान का लक्षण है.

9.हमारा काम है प्रेम को फैलाना,
प्रेम पहले से ही सब लोगों में समाया हुआ है,
हमें तो सिर्फ उसे पुनर्जाग्रत करना है.

10.नाचते समय इस तरह नाचो, जैसे तुम्हें और कोई देख ही नहीं रहा.
प्यार करो तो ऐसे करो, जैसे तुम्हें और कोई दिखाई ही न दे.
जियो तो ऐसे जियो, जैसे स्वर्ग यहीं पर है.

11.जिस पल कोई व्यक्ति खुद को,
पूरी तरह समर्पित कर देता है,
ईश्वर भी उसके साथ चलता है.

12.जो स्थिति आपके दिमाग की है,
वही आपकी खोज की है,
आप जिस चीज की इच्छा करेंगे,
वह पा लेंगे.

13.दिल आईना है,
ज़रा-सी तरेर से तड़क जाता है,
दिल मायना है,
ज़रा-से ताने-बहाने से भड़क जाता है.

14.कुछ हंसकर बोल दो,
कुछ हंसकर टाल दो,
परेशानियां तो बहुत हैं,
कुछ वक्त पर डाल दो.

15.”साथ” दो हमारा, ”जीना” हम सिखाएंगे,
”मंजिल” तुम पाओ, ”रास्ता” हम दिखाएंगे,
”खुश” तुम रहो, ”खुशियां” हम दिलाएंगे,
तुम बस ”दोस्त” बने रहो, ”दोस्ती” हम निभाएंगे.

16.”मतलब” बड़े भारी होते हैं,
निकलते ही रिश्तों का वज़न कम कर देते हैं.

17.सूरज की किरणों से सीखा,
जग को रोशन करना,
उज्ज्वलता के वर को पाकर,
जग को उज्ज्वल रखना.

18.”तारीफ़” करने वाले बेशक “आपको” पहचानते होंगे,
मगर “फ़िक्र” करने वालो को “आपको” ही पहचानना होगा|

19.रोटी पर “घी” और नाम के साथ *”जी”*लगाने से,
“स्वाद” और “इज्जत” दोनों बढ़ जाते हैं.

20.सजती रहे खुशियों की महफ़िल,
हर ख़ुशी सुहानी रहे,
आप ज़िंदगी में इतने खुश रहें,
कि हर ख़ुशी आपकी दीवानी रहे.

21.हैं फूलों की दुनिया में फूलों के मेले,
रखें दूर मन से जो उलझन-झमेले,
चलो उलझनों से तनिक पार पा लें,
महकने दें मन को, जगत को महका लें.

22.जीवन एक चुनौती है- इसका साहस से मुकाबला करें,
जीवन एक उपहार है- इसे स्वीकार करें,
जीवन एक कष्टमय सागर है- इसे पार करें,
जीवन एक खेल है- इससे खेलें,
जीवन एक रहस्य है- इसे उजागर करें,
जीवन एक कर्त्तव्य है- इसे निभाएं,
जीवन एक गीत है- इसे गुनगुनाएं,
जीवन एक अवसर है- इसे हासिल करें,
जीवन एक यात्रा है- इसे पूरा करें,
जीवन एक प्रतिज्ञा है- इसे निभाएं,
जीवन एक पहेली है- इसे सुलझाएं,
जीवन एक उद्देश्य है- इसे हासिल करें.

23.और लोगों से धैर्य का अर्थ होता है प्यार,
खुद से धैर्य का अर्थ होता है आस,
जगत-नियंता से धैर्य का अर्थ होता है विश्वास.

24.बड़ी मुश्किल से मिलती है खुशियों की बहार,
खुशियों की बहार का खुशियों से करना चाहिए इज़हार,
खुशियों का इज़हार करने से खुशियां सवाया हो जाती हैं,
सवाया हो जाना है भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा उपहार.

25.हर दिन के हर पल में आपके मन में उजास हो,
दुआ हमेशा निकलती है दिल से आपके लिए,
ढेरों खुशियों का ख़ज़ाना आपके पास हो,
बार-बार आता रहे ऐसा प्यारा ख़ास दिन,
और यह दिन आपके लिए विशेष हो, ख़ास हो.

26.हर मन एक माणिक्य है,
उसे दुखाना किसी भी तरह अच्छा नहीं.

27.मानव के सभी गुणों में साहस पहला गुण है,
क्‍योंकि वह सभी गुणों की जिम्‍मेदारी लेता है

28.कर गुज़रने का जिस दिन हौसला हो जाएगा,
इस जमीं से उस फलक तक रास्ता हो जाएगा.

29.आओ साथ में दुनिया को बांट लें,
समंदर आप का, लहरें हमारी!
आसमान आप का, सितारे हमारे,
सूरज आप का, रोशनी हमारी,
चलो ऐसा करते हैं ,
सब कुछ आप का और आप हमारे.

30.रिश्ते बनते रहें, इतना ही बहुत है,
सब हँसते रहें, इतना ही बहुत है,
हर कोई हर वक़्त, साथ नहीं रह सकता,
याद एक दूसरे को करते रहें, इतना ही बहुत है.

31.खुश रहें सदा, यह तमन्ना है हमारी,
खिले-फूले-फले आपकी खुशियों की महकीली फुलवारी.

इस ब्लॉग को भी पढ़ें-
इंसानियत के शैदाई : हमारे स्वास्तिक भाई
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/?p=35247

डॉक्टर स्वास्तिक जैन अपना ब्लॉग के ब्लॉगर भी हैं, और ब्लॉग होम के ब्लॉगर भी. अत्यंत व्यस्तता के कारण भले ही वे आजकल ब्लॉग पर कम आ पाते हैं, फिर भी ब्लॉग से बराबर जुड़े हुए हैं. यदा-कदा हमारे ब्लॉग पर उनकी प्रतिक्रियाएं आप देखते ही होंगे. एक बार फिर डॉक्टर स्वास्तिक जैन को समस्त ब्लॉग जगत की तरफ से सपरिवार विवाह की सालगिरह व उज्ज्वल भविष्य की ढेरों शुभकामनाएं.

पुनश्च-

आज ही हमारे ब्लॉग की 97 साल की वरिष्ठतम लेखिका दीदी कैलाश भटनागर जी का जन्मदिन भी है. उनकी ढेरों कविताएं आप सदाबहार काव्यालय में पढ़ चुके हैं. वे अच्छी कलमकार के साथ अच्छी चित्रकार भी हैं. कैलाश दीदी ने 90 बसंत पार करने के बाद चित्र बनाना, पेंटिंग करना शुरु किया था. उम्र के इस पड़ाव पर चार साल में उन्होंने जो काम कर दिखाया, वह तारीफेकाबिल है. उनकी एक-एक कृति अपने में अलग विशेषता समाए हुए है और अनुपम है. मजे की बात यह है, कि कैलाश दीदी ने इसके लिए कोई प्रशिक्षण नहीं लिया. इससे पहले वे दिवाली और अहोई आदि पूजन के लिए जो आकृतियां उकेरी जाती हैं, अपनी मां की देखादेखी बस वही उकेरती थीं. कैलाश दीदी-
”जन्मदिवस की बधाई हो,
खुशियों की शहनाई हो,
उठे नज़र जिस ओर, जिधर भी,
मस्त बहारें छाई हों.”

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244