22 दिसंबर यानी बड़ी रात
किसी से बात क्या किए कि
गाँव में एक पंचलाइन
सैर कर जाएगी-
‘दिन में भैया,
रात में सैंया’
और कहेंगे कि
ये ‘रबर’वाले भैया हैं ?
कितने घिनौने विचार होते हैं
ऐसे लोगों के !
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ट्रक में जहाँ जूता टँगी रहती है,
लिखी होती-
‘बुरी नज़रवाले तेरा मुँह काला’,
किंतु अगर जिनके मुँह
पहले से ही काले हो तो !
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कोई ‘महिला’
अगर ‘देवर’ को ‘भैया’ कहे
और कोई ‘पुरुष’
अगर ‘साली’ को ‘बहन’ माने
तो यह दोनों बातें
दाल की काली ‘होनी’ बताती है ?
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आज बिजली है रूठी
और रात है बड़ी (22 दिसंबर)
है न दिलचस्प रात्रि,
शुभ रात्रि !
कुछ मित्र की बीवी दिलदार हैं,
वो कब काम आएंगी ?
हा-हा-हा
पुनश्च शुभ रात्रि !