गज़ल
तेरी खुशी मेरे लिए आब-ए-हयात है
सिमटी हुई तुझमें ही मेरी कायनात है
============================
रखा है निहां मैंने जिसे खाना-ए-दिल में
किस्मत की तू वो बेशकीमती सौगात है
============================
मुमकिन नहीं कि तू हो मुकम्मल मेरे बगैर
मेरे साथ चले या न चले और बात है
============================
कम नहीं दिया है किसी को भी खुदा ने
कहाँ हमारी जिंदगी को पर सबात है
============================
रहता है साथ उम्र भर है बहुत वफादार
मरने से पहले गम से कब मिलती निजात है
============================
आभार सहित :- भरत मल्होत्रा।