कविता

युवा शक्ति का आवाहन

युवा शक्तियो ! जागो
माँ भारती की पुकार सुनो
अपने अंतर्मन के
प्रकाश पुंज को प्रकाश में लाओ।
अब न जिम्मेदारी से
मुँह चुराओ,
अपनी शक्ति को संगठित करो
समाज ,राष्ट्र की पतवार बनो
माँ भारती की ढाल बनो।
खुद को पहचानो
अपनी जिम्मेदारी को जानो
बीत गया नादानियों का दौर,
अब आगे बढ़ो
राष्ट्र, समाज में विश्वास भरो,
अब तो जिम्मेदार बनो
बुजुर्गों से कुछ सीखो
हौसले की मिसाल बनो,
आगे बढ़कर थाम लो तिरंगा
माँ भारती की
आन बान शान के लिए
सरहद की मजबूत दीवार बनो,
अपनी शक्ति को एकत्र करो
युवा शक्ति की मिसाल बनो।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921