गीत/नवगीत

सर्दी का हो रहा अन्त

सर्दी का हो रहा अन्त।
मित्रो! आया है बसन्त!!

बर्फीली सर्दी बीत गयी।
वियोग की अग्नि रीत गयी।
संदेह कुहासा आज मिटा,
जाग उठी अब आस नयी।
कलि का सूरज उगा कन्त।
मित्रो! आया है बसन्त!!

वैक्सीन मिली, भय दूर गया।
भोर हुआ, अन्धेर गया।
कोरोना से बच पाएंगे,
जाग रहा है, नूर नया।
बच्चों के खिल उठे दन्त!
मित्रो! आया है बसन्त!!

सजनी से सजना आन मिला।
कामी को रज का दान मिला।
अर्थव्यवस्था जाग रही अब,
कर्मचारी को काम मिला।
कान्ता को सजाए आज कन्त।
मित्रो! आया है बसन्त!!

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)