गीत/नवगीत

सरसों फूली पीली -पीली

बसंत पंचमी का त्यौहार आता है,
संग में खुशियों की बौछार लाता है।
ऋतु बसंत की होती निराली,
कूके कोयलिया होके मतवाली,
पपीहा गाते मन को लुभाते,
पपीहा गाते मन को लुभाते,
जब ॠतुओं  का राजा बसन्त आता है,
संग में खुशियों…….
कितना पावन दिन ये आज है,
शारदा मां का जनमवार है,
ज्ञान ज्योति का दीप जलाकर,
ज्ञान ज्योति का दीप जलाकर,
अज्ञानता से हम सबको उबारा है,
संग में….
प्यारा मौसम रुत अलबेली,
हर पौंधें व कली भी खिल गई,
फल के पेड़ों में बौर भी आ गये,
फल के पेड़ों में बौर भी आ गये,
खुशबु से सारे जग को महकाता है,
संग में………
सरसों फूली पीली -पीली,
होली भी आयी रंग -बिरंगी,
बहुत ही प्यारा है ऋतुओं का राजा,
बहुत ही प्यारा है ऋतुओं का राजा,
सब जीव- जंतु, पेड़ पौधों को हर्षाता है,
संग में…….

— चंपा पांडे