राजीव का शहादत
भारतरत्न और भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे श्रद्धेय राजीव गांधी की 30 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें सादर स्मरण, नमन और श्रद्धांजलि! भारतरत्न राजीव गांधी के प्रति सादर श्रद्धा-सुमन !
21 मई 1991 : ‘राजीव गांधी’ तब पूर्व प्रधानमंत्री थे।
हिंदी फ़िल्म ‘मद्रास कैफ़े’ में राजीव-हत्या के कारणों और हत्या की जघन्यतम स्थिति को दर्शाने का प्रयास किया गया है! भारतीय तमिलों के एक समूह ने श्रीलंकाई तमिल का पक्ष लेकर व समर्थन देकर यानी दूसरे देश के लिए अपने देश के लोगों ने इतिहास का सबसे क्रूरतम हत्या कर डाले।
‘मानव बम’ ने इतना लील लिया राजीव को….. चेन्नई से सुदूर….. सिर्फ़ मांस के टुकड़े छितरे पड़े, एक पैर से ही जिनकी पहचान हो पाई !
यह ‘मानव बम’ एक महिला थी । ममता बरसानेवाली एक महिला क्या इतनी क्रूरतम भी हो सकती है भला ?
किसी देश में किसी देश के धर्म, जाति या समुदाय वाले बस जाय, तो उसे किस देश के प्रति स्वामीभक्ति दिखानी चाहिए ! क्या जिनका नमक खा रहे हो, उनका ऋण अदा करोगे ? परंतु जिन्होंने प्रसव – पीड़ा की दंश झेली और दूध स्तन से निचोड़कर पिलाई जो, उनके प्रति भक्ति – अनुराग नहीं है क्या?
एक महिला ने पति खोई, तो एक किशोर और एक किशोरी ने पिता को ।
किसी राजनीतिक कुचेष्टा के सरोकार भी यह घटना किसी भी स्थिति में जायज नहीं है? इस कमल (राजीव के पर्याय) को सादर सुमन !