राजनीति

कोरोना काल में सेवा पर भी विकृत राजनीति

कोरोना काल में जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में कोरोना नियंत्रण व टीकाकरण अभियान चल रहा है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसद व विधायकों तथा जिलाध्यक्षों के नेतृत्व में गांव-गांव कोरोना पीड़ितों के लिए लगातार सेवा कार्य चलाये जा रहे हैं और जनसेवा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने सभी समवैचारिक संगठनों के साथ मिलकर बिना किसी राजनीति या भेदभाव के सेवा कार्य कर रहा है। वहीं दूसरी ओर आपदा की इस महान घड़ी में सपा मुखिया अखिलेश यादव तथा कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी लगातार फर्जी ट्विट के माध्यम से अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने में लगी हैं। आजकल एक फिल्मी अभिनेता सोनू सूद को भी तथाकथित सेवा के नाम पर उनका एनजीओ सोशल मीडिया के माध्यम से उनको भगवान सिद्ध करने कर प्रयास कर रहा है। यही नहीं अब उनको कुछ यूजर देश का भावी प्रधानमंत्री भी बताने लग गये हैं और उनके लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। यही कारण है कि हम आज कह रहे है कि अब सेवा पर भी विकृत राजनीति हो रही है और जमकर झूठी बयानबाजी की जा रही है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव जब से कोरोना महामारी फैली है तभी से रोज किसी न किसी प्रकार का सरकार व बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। उनका यह दुष्प्रचार अभियान एक सुनियोजित साजिश के तहत चल रहा है। सपा मुखिया लगातार वैक्सीन व कोरोना को लेकर भ्रम व अफवाहें फैलाते रहे, लेकिन अब वह सेवा पर उतर आये हैं। लगता है सपा मुखिया को बीजेपी व संघ से कुछ अधिक ही एलर्जी हो गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गांवों में कोरोना नियंत्रण के लिए दौरे कर रहे हैं तथा जान और जहान बचाने का लगातार प्रयास कर रहे है, वहीं विपक्ष केवल बयानबाजी। कोरोना काल में प्रदेश सरकार के कामकाज की प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन, नीति आयोग, बाम्बे हाईकोर्ट के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी की है।
सतत निगरानी और कोविड प्रबंधन से कोरोना की पहली लहर पर विजय प्राप्त करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संक्रमण की दूसरी लहर को थामने के लिए स्वयं फ्रंटलाइन पर आये और ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट के माध्यम से यूपी माडल को जमीन पर उतारते हुए अब दूसरी लहर को भी लगभग काबू में कर लिया है। मुख्यमंत्री सभी 18 मंडलों का दौरा कर चुके हैं। सरकार के अथक प्रयासों से आज गांव-गांव कोरोना की जांच हो रही है तथा लोगों को मेडिकल किट वितरित किये जा रहे हैं। लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया जा रहा है, यही नहीं शुरूआत में फैलाये गये भ्रम के बाद अब गांवों मे भी लोगों ने वैक्सीनेशन के प्रति रूचि दिखानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए अभी से कमर कस ली है और हर गांव में अभी से ही व्यवस्था की जा रही है।
सरकारी प्रयासों से यूपी में संक्रमण दर अब एक फीसदी से भी कम रह गयी है। अभी जब 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के सात वर्ष पूरे हुए तब बीजेपी ने गांव गांव सेवा का अभियान चलाया, जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने लगातार चलाते रहने के दिशा दिशा निर्देश भी जारी किये हैं। मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार से आगे बढ़कर प्रदेशके एक-एक शहर, जिले व गांव का दौरा करने का अभियान शुरू किया है उससे सपा मुखिया का परेशान होना लाजिमी है, क्योंकि जनता यह भी देख रही है कि कौन है जो मैदान में उतरकर उनकी ओर ध्यान दे रहा है। आज योगी जी की कार्यकुशलता से प्रदेश आक्सीजन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर हो रहा है। सभी गांवों की बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं भी सुधरेंगी।
सपा मुखिया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के गायब हो जाने का आरोप लगाया है। यह पूरी तरह से बकवास है और एक वर्ग विशेष को खुश रखने व समाज को भ्रमित करने वाला बयान है। संघ हमेशा की तरह नर सेवा नारायण सेवा के आधार पर जनसेवा में लगा हुआ है। संघ की समाज सेवा निःस्वार्थ होती है। संघ का स्वयंसेवक सोशल मीडिया पर आकर अपनी सेवा का प्रचार-प्रसार नहीं करता। वह सोनू सूद की तरह यह नहीं कहता कि हमें प्लीज प्रधनमंत्री बनवा दो, हमेें सीएम बनवा दो। कोरोना की पहली लहर में भी संघ ने खूब काम किया था वह अब भी कर रहा है।
कोरोना की भयावह लहर से देश को बाहर निकालने में सरकारें, समाज व प्रशासन के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी तत्परता से लगे हैं। विभिन्न संगठनों व संस्थाओं से समन्वय स्थापित करते हुए संघ ने सेवा उपक्रम शुरू किये हैं। वर्तमान स्थिति में जरूरतमंदों की सहायता के लिए करीब 3800 स्थानों पर हेलपलाइन सेंटर चलाये जा रहे हैं। इसी प्रकार 7500 से अधिक स्थानों पर वैक्सीनेशन शिविर, सहयोग व जागरूकता अभियान में 22 हजार से अधिक कार्यकर्ता लगे हैं।
विगत वर्ष भी जब लाकडाउन लगा था तब लोगों को राहत और मदद के लिए संघ ने विश्व का सबसे बड़ा सेवा अभियान चलाया था। इस वर्ष भी स्वयंसेवकों ने मोर्चा संभाल लिया है। वे सभी को साथ लेकर प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। संघ के आनुषंागिक संगठन सेवा भारती, विश्व हिंदू परिषद, लघु उद्योग भारती समेत विभिन्न संस्थाओ के माध्यम से स्वयंसेवक जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध करा रहे हैं।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने बताया कि वर्तमान समय में देशभर में 287 स्थानों पर आइसोलेशन केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इन केंद्रो में 9800 से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था है। 118 शहरों में कोविड केयर सेंटर चलाये जा रहे हैं। जिनमें 7476 बिस्तरों की व्यवस्था है। इन केंद्रो के संचालन में 5,100 से अधिक कार्यकर्ता लगे हुए हैं। सरकारी कोविड केयर केंद्रो में भी स्वयंसेवक व्यवस्थओं मेें सहयोग कर रहे हैं। देश के 762 शहरों में संचालित 879 सरकारी कोविड केयर केंद्रो में 6,000 से अधिक कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर कई जगह विद्या भरती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर व विद्या मंदिर विद्यालयों के भवन आइसोलेशन केंद्र में बदल चुके हैं। आइसोलेशन केंद्रों में संघ के स्वयंसेवक लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं। संघ स्वयंसेवक गांवों में काढ़ा वितरण कर रहे हैं। जरूरतमंदों को भोजन व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। यही नहीं संघ के स्वयंसेवक ऐसे मृतक जिनका अंतिम संस्कार कराने में उनके परिजन आगे नहीं आ रहे हैं उनका अंतिम संस्कार भी करवा रहे हैं।
संघ अब अनाथ हुए बच्चों को गोद लेकर उनके जीवन यापन व शिक्षा दीक्षा की भी जिम्मेदारी ले रहा है। गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी संघ की ओर से की जा रही है। संघ व तमाम वैचारिक संगठनों की ओर से रसोई का संचालन किया जा रहा है जिसमें गरीबों को निःशुल्क भोजन मिल रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भी अवध की रसोई का संचालन किया जा रहा है तथा ट्रस्ट की ओर से आक्सीजन प्लांट लगाने के लिये धन भी दिया गया।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान केंद्र की दवा आयुष-64 का वितरण सेवा भारती के माध्यम से अवधप्रांत के सभी गावों में किया जा रहा है। लखनऊ स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेदीय विज्ञन अनुसंधान केंद्र को पूर्वी उप्र के लगभग सभी जिलों के लिए नोडल सेंटर बनाया गया है।कोरोना महामारी से ग्रसित उन रोगियो को यह दवा जी रही है कि जो लक्षण विहीन माइल्ड एवं माडरेट लक्षणों वाले रोगी हैं और वे होम आइसोलेशन में है। डा. देवेंद्र अस्थाना के अनुसार अवधप्रांत के 11,700 गाँवों में दवा कोरोना संक्रमित लोगों में दी जा रही है। सप्तपर्णी का तना, कुटकी की जड़ तथा कुबेराक्ष के बीज का चूर्ण जैसी जड़ी बूटियों को मिलाकर दवा बनाई गयी है। वैसे इस दवा को मूलरूप से मलेरिया के उपचार के लिए विकसित किया गया था।
संघ के स्वंयसेवक व बीजेपी के कार्यकर्ता निःस्वार्थ भव से जनसेवा में लगे हुए हैं वह सपा मुखिया अखिलेश यादव व अन्य की तरह राजनीति नहीं कर रहे। सपा मुखिया ने अपनी जहरीली और विकृत मानसिकता के चलते संघ व बीजेपी को बदनाम करने के लिए एक सुनियोजित घृणित अभियान चला रहे हैं जिसे जनमानस माफ नहीं करेगा।
— मृत्युंजय दीक्षित