विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर
पैदलराही पहले
साइकिल के प्रति
उत्सुक रहते,
उसे तकते,
उसे देखते !
हालाँकि साइकिल
हमेशा से
गरीबी का सूचक
रहा है !
अमीरी का सूचक
तो कार रहे हैं,
बेकरार रहे हैं,
चाहे यह
सरकार के पास हो
या लोगों के पास !
बीएमडब्ल्यू हो,
लंबे, चौड़े, तिकोने
टन टनाटन !
विश्व साइकिल दिवस
3 जून को है,
इसी माह 21 जून को
अंतरराष्ट्रीय
योग दिवस है
और साइकिल खुद
योग का
सर्वोत्तम साधन है।
सच में
पैदलराही अब भी
साइकिल के प्रति
उत्सुक रहते,
उसे तकते,
उसे देखते !
चाहे कादो-पानी हो
या नीम-हकीम के पास
जाने हो !
साइकिल तो है न
जिंदाबाद करते हुए।
वजनी नहीं ज्यादा
कि कुवक्त आये
तो कंधे में उठा लो।
मस्त है,
सेहत के लिए
सशक्त है-
साइकिल की सवारी,
हाँ, साइकिल की सवारी !