कविता

चेतावनी

ये चेतावनी है
हमारे आप के लिए,
हम सब सचेत हो जायें
प्रकृति का संरक्षण करें
पर्यावरण का ध्यान करें,
जल जंगल जमीन का
जैसे भी हो सम्मान करें।
ये जर्जर पत्ता संदेश दे रहा
दुर्दशा तुम्हारी भी ऐसी
आने वाले कल में न हो
कम से कम इतना ध्यान करो।
अस्तित्व मिट रहा है मेरा
अभी समझ लो अच्छा है,
वरना अपने अस्तित्व के लिए
दर ठोकर खाकर भी
तुम भी न बच पाओगे।
प्रकृति और पर्यावरण के
कोप नहीं सह पाओगे,
जब जान तुम्हारी ही न होगी
तब कैसे औरों की जान बचा पाओगे?

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921