राजनीति

मंत्रिमंडल में फेर बदल

हाल के केंद्र सरकार में फेर बदल के बारे में मीडिया में बड़ी चर्चा हुई है. कई लोगों ने इसकी बड़ी प्रशंसा की है, पर वास्तविकता क्या है ?
हर राजनैतिक कार्यवाही या प्रणाली का एक और केवल एक ही परख और कसौटी होता है- क्या इससे आम आदमी का जीवन स्तर बढ़ता है ? क्या  लोगों को बेहतर ज़िन्दगी मिलती है ? इस दृष्टिकोण से हाल का केंद्र सरकार में फेर बदल से यह स्पष्ट है कि यह आम जनता के जीवन में कोई अंतर नहीं लाएगा.
क्या मंत्रिमंडल में चेहरे बदलने से देश भर में व्यापक ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई, बाल कुपोषण, स्वास्थ सेवा और अच्छी शिक्षा का अभाव, किसानों का संकट, भ्रष्टाचार, दलितों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, आदि  दूर हो जाएंगे ? बिलकुल नहीं, इसलिए यह सिर्फ एक नौटंकी है.
भारत की भीषण आर्थिक और सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए भारतीय जनता को आधुनिक मानसिकता के नेताओं के नेतृत्व में एक महान ऐतिहासिक जनसंघर्ष और जनक्रांति करनी होगी जो जाति और मज़हब के बाधाओं को तोड़कर ही संभव है. इसमें समय लगेगा और बड़ी कुर्बानिया देनी होंगी. परन्तु हर सच्चे देशभक्त को इसके लिए प्रयत्न करना चाहिए.

ज. मारकंडेय काटजू

विधिवेत्ता एवं पूर्व न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय, पूर्व अध्यक्ष प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, कश्मीरी पंडितों के परिवार में लखनऊ में 1946 में जन्म लिया। पितामह कैलाश नाथ काटजू मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा ओडिशा एवं प.बंगाल के राज्यपाल रहे। पिता शिव नाथ काटजू कांग्रेस के नेता और उ.प्र. विधानसभा तथा विधान परिषद के सदस्य रहे।

One thought on “मंत्रिमंडल में फेर बदल

  • डाॅ विजय कुमार सिंघल

    महोदय, आपकी आशंकायें सही हो सकती हैं, लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार करना एक प्रशासनिक आवश्यकता थी, क्योंकि काम की मात्रा के अनुसार मंत्रियों पर कई-कई मंत्रालयों का बोझ था और कई मंत्रियों का कार्य भी अच्छा नहीं रहा, तो उनको भी बदलना था। बार-बार छोटे-छोटे विस्तार या परिवर्तन करने से जैसा कि पहले इन्दिरा गाँधी या राजीव गाँधी किया करते थे, एक बार में समग्र परिवर्तन करना हमेशा अच्छा रहता है।
    दूसरी बात, इस मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षित और युवा लोगों की संख्या बहुत है, जिनसे अच्छा कार्य करने की आशा है।
    रही बात देश की जनता की इच्छाएँ पूरा करने की। तो यदि जनता चाहती है कि उसको मुफ्त के 15 लाख मिल जायें, ताकि उनको कोई काम न करना पड़े, तो वैसा होना असम्भव है। वैसे भी देश की जनता की आकांक्षायें सरकार की नीतियों से पूरी होती हैं, मंत्रिमंडलों से नहीं। अर्थव्यवस्था की ऐसी हालत में भी केन्द्र सरकार सबको मुफ्त वैक्सीन लगवा रही है, यह कोई साधारण बात नहीं है। यदि मोदी जी के बजाय किसी अन्य की या कांग्रेस की सरकार होती, तो इसी में अरबों खरबों का घोटाला कर दिया जाता और जनता बिना वैक्सीन के मरती रहती। आपको शायद इसकी खुशी नहीं है कि मोदी जी की सक्रियता के कारण ही देश में कोरोना काबू में आया है।
    आपको अपना नजरिया सुधारने की आवश्यकता है।

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