दिल से सॉरी
दिल से सॉरी
इस महीने
काफी खर्च हुआ है,
केस-मुकद्दमे….
मकान बनाने….
और फिर मित्रो के
साथ नहीं मिलने पर
और इच्छा अनुसार
काम नहीं होने पर
टूट गया हूँ….
आज तो मामावाले में
और भी खर्च हो गया….
मैं तो आपका हूँ ही
दिल से हूँ….
पैसे हाथ में आते ही,
क्यों ?
कोई विशेष तो नहीं न !
दुनिया के रंग सहना
और मुँह से
कुछ ना कहना !