चांद सितारे
चलो लेके कोई ख्वाब
नींद के आगोश में चलते हैं
चांद तारों से सजी महफिल है
चांद दुल्हा
चांदनी उसकी दुल्हन
बनी है
सितारे
सखा सखी बन
मुस्कुरा रहे हैं
रात भर होगा रतजगा
सुबह डोली उठ जायेगी.
चलो लेके कोई ख्वाब
नींद के आगोश में चलते हैं
चांद तारों से सजी महफिल है
चांद दुल्हा
चांदनी उसकी दुल्हन
बनी है
सितारे
सखा सखी बन
मुस्कुरा रहे हैं
रात भर होगा रतजगा
सुबह डोली उठ जायेगी.