स्वास्थ्य

विश्व हृदय दिवस : दिल है आपका, इसके स्वस्थ्य का रखे ख्याल

अखिलेश (बदला हुआ नाम )आज बहुत थक चूका था। घर पहुँचते पहुँचते रात के 11 बज गए थे । उसने थकान मिटाने के लिए शराब का जाम बनाया और एक सिगरेट सुलगा ली। होम डिलीवरी से उसने पहले ही अपनी पसंदीदा नॉन वेजीटेरियन स्नैक्स मंगवा चुका था। जब से उसे कंपनी का मैनेजर बनाया गया, यह उसका रोज़ का कार्यक्रम बन गया था।

” अब तो सो जायो, ” उसकी पत्नी ने घडी की तरफ इशारा करते हुए कहा। रात के, या यह कहे की सुबह के 1 बज गए थे।

” बस यह आखरी पैग। ” उसने कहा।

” आज कल आप कुछ ज्यादा ही शराब पीने लगे है, ” पत्नी ने कहा तो अखिलेश ने जवाब दिया, ” तुम को क्या पता की काम का कितना तनाव है, तुम चलो मैं बस आया। ”

रात को अखिलेश सोया और सोता ही रह गया। जब सुबह पत्नी उठाने गई तो अखिलेश के प्राण पखेरू उड़ चुके थे पर फिर भी उसने अपने पारिवारिक डॉक्टर को बुलाया जिसने उसे मृत घोषित कर दिया।

कहते है ज़िन्दगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में है, पर ऐसा समझा जाता है की अखिलेश जैसे लोग अपने अनुशासनहीन जीवन शैली से अपनी ज़िन्दगी के दुश्मन बन बैठते है और अपनी जान को जोखिम में डाल देते है ।

पहले से उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मात्र 42 वर्ष के अखिलेश को शराब, सिगरेट, बाजार का खाना, देर रात को घर आना और सारे दिन का तनाव उसका दिल सहन न कर सका और उसे सोते हुए दिल का दौरा पड़ा था। आम तौर पर जब दिल का दौरा पड़ता है तो छाती में दर्द, पसीना आना, घबराहट, दिल मिचलाना जैसे संकेत मिलते है पर कई बार अखिलेश जैसे व्यक्ति में कोई संकेत ही नहीं मिलता, इसलिए दिल के दौरे का पता ही नहीं चलता। इसीलिए दिल के दौरे को साइलेंट किलर यानी ख़ामोशी वाली बिमारी भी कहते है।

एक अनुमान के अनुसार भारत में हर 4 मौतों में से एक मौत हृदय रोग से होती है। पहले जहा 50 से 60 वर्ष के ऊपर लोगों को दिल की बीमारी होती थी, अब युवाओं में भी होने लगी है। अगर यह कहा जाये की इस आधुनिक युग में दिल की बीमारियों ने महामारी का रूप ले लिया तो यह गलत न होगा। हमारे स्वास्थ्य के लिए यह एक चिंता का विषय है।

अपने जीवन शैली में बदलाव करके हम दिल के रोग से बच सकते है। घर का कम नमक, घी और तला हुआ आहार ले, रोज़ कुछ देर के लिए व्यायाम या सैर करे, सिगरेट, तम्बाकू, शराब और किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करे और तनाव पर नियंत्रण पाना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है। विशेषकों का मानना है की 35 की उम्र के बाद अपना नियमित दिल का चेक उप करवाते रहे और अगर आप को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की बिमारी है तो उसकी डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित रूप से खाये।

आज, 29 सितंबर को विश्व भर में ‘विश्व हृदय दिवस’) मनाया जा रहा है। अपने दिल के स्वास्थ्य का ख्याल रखे और दूसरो को भी जागरूक करे।

-डॉक्टर अश्विनी कुमार मल्होत्रा

 

डॉ. अश्वनी कुमार मल्होत्रा

मेरी आयु 66 वर्ष है । मैंने 1980 में रांची यूनीवर्सिटी से एमबीबीएस किया। एक साल की नौकरी के बाद मैंने कुछ निजी अस्पतालों में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम किया। 1983 में मैंने पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज में बतौर मेडिकल ऑफिसर ज्वाइन किया और 2012 में सीनियर मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर हुआ। रिटायरमेंट के बाद मैनें लुधियाना के ओसवाल अस्पताल में और बाद में एक वृद्धाश्रम में काम किया। मैं विभिन्न प्रकाशनों के लिए अंग्रेजी और हिंदी में लेख लिख रहा हूं, जैसे द इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदुस्तान टाइम्स, डेली पोस्ट, टाइम्स ऑफ इंडिया, वॉवन'स एरा ,अलाइव और दैनिक जागरण। मेरे अन्य शौक हैं पढ़ना, संगीत, पर्यटन और डाक टिकट तथा सिक्के और नोटों का संग्रह । अब मैं एक सेवानिवृत्त जीवन जी रहा हूं और लुधियाना में अपनी पत्नी के साथ रह रहा हूं। हमारी दो बेटियों की शादी हो चुकी है।