कविता

तेरे नाम कर दूं

तू जो कर दे एक इशारा
छोड़ दूं दुनिया सारा
सांसों की मोहताज
बनी इस जिंदगी को
तेरे नाम कर दूं!
अपने पराए की इस दुनिया में
सर्वस्व तुझको अर्पण कर दूं!
अपनी अदम्य भावों से
तुझको भावुक कर दूं!
गर एतबार न हो
मेरे वादो इरादों का
ला दे दे कोरा कागज़
दिल की वसीयत तेरे नाम कर दूं!
— विभा कुमारी

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P