जानवर कौन?
सुगंधा का पशु प्रेम जगजाहिर था। एक दिन उसके पति के साथ रहने वाला उनका दोस्त बोला, “भाभी, जानवरों को खाना खिलाने की जगह, इंसानों को खिलाओ। जानवर तो कुछ भी खा सकते हैं।”
“पर… जानवर कम से कम खाना खिलाने वाले के प्रति वफादार तो होते हैं। इंसानों की तरह……” और खाना परोसते परोसते सुगंधा यकायक, अपना पल्लू संभालने लगी।
अंजु गुप्ता