कविता

दो प्यारे बच्चे

एक परिवार में दो प्यारे बच्चे। मां-बाप उनकेे थे बहुत अच्छे।।
मां की ममता, बाप का प्यार। मिलता दोनों को सदाबहार।।
लेकिन, आदत में दोनों का अंतर। खेलते आंगन कभी घर अंदर।।
एक सरारती तो दूजा अच्छा। एक नटखटी तो दूजा सच्चा।।
कहता मां से सरारती बच्चा। पढ़ना-लिखना नहीं लगता अच्छा।।
मां बच्चे को प्यार से समझाती। पढ़े-लिखे की महिमा बताती।।
सुन कर मां का वह कहना। मान लेता अच्छे काम करना।।
पढ़-लिख वह आगे बढ़ता। सदा देश हित में काम करता।।
दूजा बच्चा सदा ही सच्चा। सद्मार्ग पर चलता ही रहता।।
बनकर शिक्षक ज्ञान बढ़ाता। मां-बाप का सम्मान बढ़ाता।।
प्यारे बच्चों की यह कहानी। सुनी आपने हमारी जुबानी।।
बढ़े-बड़ों की जो बातें मानते। जीवन में वे कभी नहीं हारते।।
करना बच्चो सदा ऐसा काम। तुम्हारा जग में हो अच्छा नाम।।
— शम्भु प्रसाद भट्ट ‘स्नेहिल’,

शम्भु प्रसाद भट्ट 'स्नेहिल’

माता/पिता का नामः- स्व. श्रीमति सुभागा देवी/स्व. श्री केशवानन्द भट्ट जन्मतिथि/स्थानः-21 प्र0 आषाढ़, विक्रमीसंवत् 2018, ग्राम/पोस्ट-भट्टवाड़ी, (अगस्त्यमुनी), रूद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड शिक्षाः-कला एवं विधि स्नातक, प्रशिक्षु कर्मकाण्ड ज्योतिषी रचनाऐंः-क. प्रकाशितःः- 01-भावना सिन्धु, 02-श्रीकार्तिकेय दर्शन 03-सोनाली बनाम सोने का गहना, ख. प्रकाशनार्थः- 01-स्वर्ण-सौन्दर्य, 02-गढ़वाल के पावन तीर्थ-पंचकेदार, आदि-आदि। ग. .विभिन्न क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र/पत्रिकाओं, पुस्तकों में लेख/रचनाऐं सतत प्रकाशित। सम्मानः-सरकारी/गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के तीन दर्जन भर से भी अधिक सम्मानोपाधियों/अलंकरणों से अलंकृत। सम्प्रतिः-राजकीय सेवा/विभिन्न विभागीय संवर्गीय संघों तथा सामाजिक संगठनों व समितियों में अहम् भूमिका पत्र व्यवहार का पताः-स्नेहिल साहित्य सदन, निकटः आंचल दुग्ध डैरी-उफल्डा, श्रीनगर, (जिला- पौड़ी), उत्तराखण्ड, डाक पिन कोड- 246401 मो.नं. 09760370593 ईमेल [email protected]