आशीर्वाद
गर्म कंबल दिए जाने पर वृद्ध भिखारी दिल से आशीर्वाद देते हुए बोला, “भगवान करे, तुम्हारा बेटा भी तुम्हारे ही रास्ते पर चले।”
“ऐसी बददुआ न दो बाबा” वे मन ही मन बुदबुदाए। याद आया वो दिन जब घर की शान्ति के लिए पिताजी को वृद्धाश्रम छोड़ आए थे।
— अंजु गुप्ता