अन्य बाल साहित्य

सवाल-जवाब- 3

प्यारे बच्चो,
आयुष्मान-बुद्धिमान-सेवामान,
हमें जब भी आपके जानने योग्य सामग्री मिलती है, हम पत्र के द्वारा आपके लिए प्रस्तुत करते हैं. आज जानकारी प्रस्तुत है भारत के इन 10 गांव के बारे में, जो शहरों से भी बेहतर हैं, कहीं आमदनी तो कहीं का रिवाज इन्हें बनाता है खास–
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक़ देश में 649,481 गांव हैं. देश की हालत भी गांव की स्थिति पर निर्भर करती है. देश के गांव समृद्धि के नए रास्ते पर चल पड़े हैं. ये हैं दस खास गांव-
1. मधापार-दुनिया का सबसे अमीर गांव
दुनिया का सबसे अमीर गांव भारत के गुजरात में ही स्थित है. गांव में स्कूल, मेडिकल, सहित हर तमाम सुविधाएं मौजूद हैं जो एक महानगर में मिलती हैं.
2. शनि शिंगनापुर में दरवाजे नहीं
महाराष्ट्र के अहमदनगर में शनि शिंगनापुर एक छोटा सा गांव है। यह गांव इस बात के लिए भी प्रसिद्ध है कि पूरे गांव में किसी भी घर में दरवाजे नहीं हैं और इसके बाद भी गांव में चोरी नहीं होती।
3. पुंसरी गांव साबरकांठा गुजरात
गुजरात के साबरकांठा जिले में मौजूद गांव पुंसरी वाई-फाई से लैस है। पक्की सड़क से लैस पुंसरी ग्राम पंचायत कंप्यूटराइज्ड है। गांव में जगह-जगह स्पीकर लगे हैं जिससे लोगों तक जरूरी सूचना, भजन या घोषणा आसानी से पहुंच सके।
4. हिवरे बाजार, अहमदनगर- करोड़पतियों का गांव
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में बसे हिवरे बाजार गांव के लोगों ने अपनी किस्मत खुद लिखी है। किसी वक्त गरीबी और सूखे से जूझ रहे हिवरे बाजार को अब करोड़पतियों का गांव कहा जाता है।
5. बघुवार गांव, नरसिंहपुर–मॉर्डन गांव
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर का गांव बघुवार ग्राम स्वराज का नायाब उदाहरण है। बघुवार एक मॉर्डन गांव है जो एक विकसित शहर की तरह है। बघुवार को देखकर आपको ऐसा लगेगा कि आप किसी गांव में नहीं बल्कि किसी पार्क में हैं। चारों ओर हरियाली है चमचमाती सीमेंट की सड़कें, हर घर में गोबर गैस, 100 फीसदी वाटर हार्वेस्टिंग, मिनी इनडोर स्टेडियम और स्विमिंग पुल गांव के विकास की गाथा बताते हैं। गांव का हर बच्चा स्कूल जाता है।
6. मत्तुर कर्नाटक- संस्कृत भाषा का गांव
कर्नाटक के शिमोगा जिले में मत्तुर नाम का ऐसा गांव है जहां की आबादी 5000 है और हर व्यक्ति संस्कृत भाषा में ही बात करता है। मत्तुर के बच्चे, बूढ़े और जवान से लेकर महिलाएं तक, सभी धाराप्रवाह संस्कृत में बात करते हैं। बेंगलुरू से करीब 320 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मत्तुर गांव के श्रीनिधि ने कहा कि इस गांव की बोलचाल की भाषा संस्कृत ही है।
7. मावल्यानोंग-एशिया का सबसे साफ़ गांव
भारत बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर स्थित मेघालय का मावल्यानोंग एशिया का सबसे साफ-सुथरा गांव है। इस गांव की साक्षरता दर 100 फीसदी है। इस गांव में ज्यादातर लोग सिर्फ अंग्रेजी में ही बात करते हैं। गांव को अंतरराष्ट्रीय तौर पर एशिया के सबसे साफ गांव के लिए पुरस्कार मिल चुका है।
8. राजस्थान का पिप्लांत्री गांव— बेटी पैदा होने पर जश्न
इस गांव में जब किसी के घर बेटी पैदा होती है, तब मां-बाप 111 पेड़ लगाकर बेटी के पैदा होने का जश्न मनाते हैं। गांव के लोग चंदा कर 21,000 रुपये जमा करके बच्ची के नाम से बैंक में जमा कराते हैं।
9. केरल का कोदिन्ही गांव—जुड़वा बच्चों का गांव
केरल के इस गांव की सबसे खास बात यह है कि इस गांव में जुड़वा बच्चे पैदा होने की रफ्तार बहुत तेज है। केरल के कोदिन्ही गांव में अगर 1000 महिलाएं मां बनती हैं तो उनमें से 45 के जुड़वा बच्चे होते हैं।
10. धरनाई-ऊर्जा आत्मनिर्भर गांव
गांव के लोगों ने अपने हाथ में कमान संभाली और ग्रीनपीस की मदद से एक सोलर पावर्ड माइक्रो ग्रिड की स्थापना की। इससे गांव के 450 घर और 50 कमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट को 24 घंटे बिजली मिलने लगी। गांव में करीब 2400 लोग हैं जो ऊर्जा की जरूरतों के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं।
आशा है 10 खास गांवों की जानकारी वाले इस पत्र से आपको बहुत-सी नई जानकारियां मिली होंगी. आप सबके ज्ञान बढ़ने की शुभकामना के साथ आपकी दादी-नानी जैसी-
लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244