कविता

पावन पर्व

चैत्र मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा
संकल्प करे और करे ये वादा
मनायेंगे हम सब पावन पर्व
रहेगा सबके मन में हर्ष
नवरात्रि में नव दुर्गा की
पूजा अर्चना नव शक्ति की
माता के चरणों का ध्यान
जो भग्त लगाए होगा कल्याण
और सबका मिटे संताप
नही किसी को हो अज्ञान
चारो तरफ छाई है खुशियां
मईया आई बनके दुल्हनिया
शहर शहर हर गांव गांव में
मां का कीर्तन सबके मुखसे
सबकी पीड़ा हरने वाली
सबकी बिगड़ी बनाने वाली
माता मेरे घर में पधारो
मेरी नैया भव से उबारों
तेरे बिन सब जग अंधियारा
तू है तो सब जग उजाला
दे मईया मुझको वरदान
मेरा जीवन हो जाए निहाल।
— बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।