सामाजिक

भारत में संयुक्त परिवार की स्थिति

देश में संयुक्त परिवार का अब चलन अब कमहो गया है। इसके विघटन होने का कारण पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित होकर लोग अब एकल परिवार में रहना पसंद करते है| देश में संयुक्त परिवार की जो मिसाल दी जाती थी वह विलुप्त होती नजर आ रही है| स्वार्थ और अमीर बनने की होड़ में संयुक्त परिवार टूट रहे हैं| आज के युग में संयुक्त परिवार से अधिक एकल परिवार का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है एकल परिवार में कमाने और खर्चा करने पर कोई पाबंदी नहीं होती है |वहीं दूसरी ओर बड़े बुजुर्ग की सुरक्षा का कवच भी एकल परिवार में नहीं होता है एकल परिवार में लोग अपने आप को स्वतंत्र महसूस करते हैं उन्हें किसी प्रकार की दखलअंदाजी पसंद नहीं आती है इसलिए आज के युग में एकल परिवार की संख्या बढ़ती जा रही है| वर्तमान समय में यह देखा जाए तो पहले की अपेक्षा पैसा कमाने के लिए साधनों में बहुत परिवर्तन हुए हैं परिवार यदि छोटा है तो आपकी जिम्मेदारी कम होती है किसी भी प्रकार का कोई दबाब नहीं होता है आप स्वतंत्र होते हैं आप अपनी मर्जी से कोई भी कार्य कर सकते हैं| पैसा कमा लेने से वह धनी तो  बन जाते हैं लेकिन  संयुक्त   परिवार में जो खुशी मिलती है वह एकल परिवार में नहीं होती संयुक परिवार में  एक दूसरे के लिए हमदर्दी और सबका  साथ मिलता है किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर एक साथ मिलता है | संयुक्त परिवार में सब लोग एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं| वहीं एकल परिवार में विपरीत स्थिति उत्पन्न होती हैएकल परिवार में अकेला व्यकित तनाव ग्रस्त हो जाता है| इससे वो बीमार भी रहने लगता है यह ध्यान देने योग्य बात है पश्चिमी सभ्यता को हम अपना रहे हैं पश्चिमी देश  हमारे देश की सभ्यता संस्कारों को अपनाकर संयुक्त परिवार की ओर अपने कदम बढ़ा चुके है| हमें उन को देखते हुए सीख लेनी चाहिए जो पश्चिमी देश हमारे देश से सीख लेकर आगे बढ़ रहे हैं फिर भी हम अपने संस्कारों को भूल गए हैं| हमें उनको देखकर अपने संस्कृति संस्कारों को जीवित रखना है परिवार में बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त होता है| उनकी छत्रछाया में सब एक साथ रहते हैं संयुक्त परिवार हमारे सम्रद्धि पूर्ण देश का ढांचा है| इसे  बिखरने न दे अपने बच्चों को अपने परिवार के साथ रखें अपने माता पिता के साथ रहे बड़े बुजुर्गों को अपने साथ रखकर उनका ध्यान और उनसे बातें करें  परिवार एक महत्वपूर्ण स्थान है जहां आप सच्चा सुख प्राप्त कर सकते हैं अपने सारे दुख परेशानी भूल कर बड़ों के साथ आंतरिक आनंद की प्राप्ति होती है| संयुक्त परिवार मैं हमेशा एक दूसरे की सहायता के लिए सब तैयार रहते हैं| दुख हो या कोई परेशानी सब मिल बांट कर आपस में प्यार से रहते हैं देश में संयुक्त परिवार की स्थिति पहले से बेहतर नहीं हैं| अब आज के युवा पीढ़ी परिवार से अलग रहने में ही अपने आप को स्वतंत्र समझती है वह अपनी मर्जी से सब काम करना चाहते हैं| संयुक्त परिवार में सभी लोग मिलजुल कर एक साथ रहते हैं जिससे परिवार के बच्चे अपने अंदर एकता की भावना को जागृत करते हैं| देश में संयुक्त परिवार की  स्थिति को सुधारने के लिए हम युवा पीढ़ी से अपेक्षा कर सकते हैं और देश में संयुक्त परिवार की स्थिति को हम सब मिलकर मजबूत कर सके|
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश