कविता

अर्थव्यवस्था का पहिया बड़ा अनमोल है

अर्थव्यवस्था का पहिया बड़ा अनमोल है
साक्ष्य आधारित नियमित अंतराल पर प्राप्त
आंकड़ों का ही पूर्वानुमान मेल है
ग़ज़ब की कारीगरी अनमोल मानवीय खेल है
वैज्ञानिक तरीकों से एकत्रित आंकड़े
नीति निर्धारण के लिए अनमोल है
पक्ष विपक्ष के शाब्दिक बाण अस्त्र का आधार
बचाव का ब्रह्मास्त्र आंकड़ों का सहारा अनमोल है
ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक
अनमोल बाज़ीगरी का खेल है
यहां किस्मत हिम्मत बाज़ीगरी नहीं
बस आंकड़ों का खेल है
— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया