कविता

बच नहीं पायेगा

ई डी ने कर दी  है ऐलान
संभल जा रे देश का बेईमान
हाे रही है काले धन की पहचान
जेल जाओंगे निश्चय ही  श्रीमान

ई डी की रडार पर जब आयेगा
छुपने पर भी बच नहीं पायेगा
देना होगा कालेधन का हिसाब
जमा रखा है जो बेहिसाब

जनता ने किया था बहुत गुणगान
बंद करो अपनी रिश्वत की दुकान
जीवन में तिलिस्म है जो अपनाया
वो ही तुम्हें कारावास पहुँचाया

कुर्सी पर बैठ जो भरा था पिटारा
ईडी ने कर दी सबका ही निपटारा
कालाधन को था घर में तूँ छिपाया
देश को अब तक क्यूँ ना बतलाया

जनता को बेवकूफ बहुत है बनाया
ईडी ने कैसी बिसात है बिछाया
शतरंज की चाल अब समझ ना आया
जेल यात्रा की वृक्ष है तुँ लगाया

गरीबी मिटाते की करते थे ऐलान
दिला ना पाया गरीबी से तुँ त्राण
लाचारी की आँसू गरीब बहाया
गरीब के लिये तिजोरी खुल ना पाया

जनसभा में घड़ियाली ऑसू है बहाया
गरीब की दर्द पर समझ ना तुँ पाया
खाया था गरीब की तुम अरमान
आँसू ने भेजा है कैसा ये फरमान

अब तो हिसाब के लिये हो जा तैयार
जमा किया है जो धन मिलकर चार
मिट जायेगी मिलती वो   सम्मान
ईडी के फेहरिस्त में जब आयेगा। नाम

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088