दहेज प्रथा
सामाजिक बुराई
दहेज की परछाई
कोई नहीं करता परहेज
सबको चाहिए दहेज
इसके बिना शादियां सूनी
दहेज बेटियों का है खूनी
बेटियों की सुनो व्यथा-कथा
बंद करो दहेज प्रथा
रे मानव ! कर न काला व्यापार
होता बेटियों पर अत्याचार
दौलत के तराजू पर न तोल
रिश्ते होते हैं बड़े अनमोल
बेटे- बेटियों का व्यापार
करो ऐसी प्रथा का बहिष्कार
छीनो न किसी का अधिकार
बेटे -बेटियों को बसाने दो मन का संसार
नई सोच का करो संचार
रे साथी ! थोड़ा करो विचार
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा