कविता

गुरु की महिमा

हम गुरु को प्रणाम करते है,
हमको जो सही रास्ता दिखाएं,
वही सच्चा गुरु होता है,
भगवान से पहले गुरु ही,
हमे रास्ता दिखाते है,
जीवन के अंधेरों से,
 उजाला की ओर लाते है,
जीवन के संघर्षों से हमे,
जीना सिखाते हैं,
सही गलत हम  क्या कर रहे,
हमको वह बतलाते है,
शिष्यों के खुशी में,
खुद ही खुश हो जाते है,
हम कही भटक रहे हो,
रास्ता वही दिखाते हैं,
गुरु का कितना बखान करु,
भगवान से वह मिलाते हैं,
समस्त गुरु को मेरा शत शत नमन।।
— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384