कविता

थोड़ी-सी जिंदगी चाहिए

थोड़ी -सी जिंदगी चाहिए
इन मुर्दों की बस्ती में।
थोड़ी -सी ईमानदारी चाहिए
बेईमानी के इस शहर में।
थोड़ी -सी शान्ति चाहिए
इस गहरे कोलाहल में।
थोड़ी -सी इंसानियत चाहिए
हैवानियत के इस माहौल में।
थोड़ी -सी सच्चाई चाहिए
झूठ के इस बाजार में।
थोड़ी -सी भक्ति चाहिए
चापलूसी के इस दौर में।
थोड़ी -सी असलियत चाहिए
दिखावे के इस दौर में।
थोड़ा -सा अपनापन चाहिए
बेगानी इस दुनिया में।
थोड़ा -थोडा करके आओ हम
इस धरती को जीने लायक बनाएं ।
— विभा कुमारी “नीरजा”

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P