बाल कविता

बाल कविता – बारिश रानी

रिमझिम रिमझिम बारिश आयी
जीवन के लिए जरूरी जल लायी।
सूखती धरा कुएं नदी नालों को
अपने जल से बारिश भर आयी।
प्रकृति पेड़ पौधे व जीव जंतुओं
को बारिश नया जीवन देने आयी।
धरा, गगन, समुद्र के प्रदूषण को
बारिश रानी कम करने है आयी।
धरा पर जीवन के लिए जरूरी
स्वच्छ जल का इंतजाम कर आयी।
जीवन मूल जल वायु व मिट्टी में
नव ऊर्जा का संचार कर आयी।
खुशी से आनंदित पक्षियों की
मधुर चहचहाहट सुनवाने आयी।
नीले-नीले अम्बर को प्रदूषण से
मुक्त करके बरसा रानी इठलाई।
खुशी के मार झूम रहे पेड़ों पौधे
जीव जंतुओं का नृत्य दिखवाने आयी।
भरकर धरती के जल स्रोतों को
भविष्य के जीवन की राह दिखाई।
बारिश रानी बारिश रानी निवेदन
करता हूं तुम से मैं बालक विनायक।
हर वर्ष तय समय से बरस कर
करों तुम हम पर अपनी कृपा महान।
— विनायक त्यागी

विनायक त्यागी

कक्षा- 5, डीपीएस, इंदिरापुरम, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश