कविता

दीपावली की बधाई

बनकर खुशियों की जगमग
लेकर दीपों की रोशनी
आई है दीपावली,
अमावस में करने
पूर्णिमा का सा उजियारा।
चलो, मिलकर
खुशियों की मिठास
बाँटे सबको,
हो जाए मुस्कान भरा प्रकाश
हर घर – आँगन में और
नहीं रहे कहीं अंधियारा।
हाँ, इस दीपावली हम मिलकर
एकता और सद्भावना की
मिसाल बन जाएँ और
हर दिल को महक़ाए
देकर खुशियाँ और दीपावली की बधाई।

रचना – स्वरचित / मौलिक / अप्रकाशित
रचयिता – आचार्या नीरू शर्मा
शिक्षिका / लेखिका
स्थान – कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश ।

आचार्या नीरू शर्मा

नाम आचार्या नीरू शर्मा है। मेरी जन्मभूमि देवभूमि हिमाचल प्रदेश है । मैं एक शिक्षिका व लेखिका हूँ । शिक्षा - एम.ए./आचार्या/ बी.एड। शिक्षिका के रूप में कार्य करते हुए 15 साल हो गए हैं । लेखन से जुड़े हुए लगभग 10 साल हो गए है। कुछ साहित्यिक मंचों से जुड़ी हूँ जिन पर रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व सम्मान पत्र प्राप्त हुए हैं। दो साझा काव्यसंग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। मेरी रुचि - पठन/लेखन/भ्रमण/बागवानी आदि में है।