लघुकथा

अज्ञानता

अजी सुनते हो,देखो रूपाली के छुने भर से इसमें कीड़े पड़ गए है।अब तो आप मेरी बात को सही मानते हो न, मैं हमेशा कहती थी रूपाली इन दिनों में कुछ ओर ही बन जाती हैं। रूपाली की जेठानी दिशा ने अपने पति रमेश को बुलाते हुए ये सब बात कही।
एक छोटे से गांव में रहने वाले रूपाली के परिवार में कोई भी शिक्षित नहीं था।रूपाली की शादी को कुछ ही समय हुआ था पर वो बहुत ही सुंदर और सुलझी हुई व्यवहारिक लड़की थी ,जिससे उसके ससुराल वाले उसको कुछ ही दिनों में पसंद करने लगे थे। ये बात उसकी जेठानी दिशा को बिल्कुल नहीं भाती थी।वो एक कुटिल महिला थी साथ ही वो सिर्फ खुद के बारे में हो सोचती थी,जिससे उसकी सास और उसका पति दोनों ही उसे थोड़ा कम पसंद करते थे ।
रूपाली की शादी के बाद थोड़े दिन सब अच्छा चलता रहा पर कुछ दिनों बाद गांव में कुछ काम न होने के कारण उसके पति को शहर जाकर रही दिहाड़ी करनी पड़ी।तब नई–नवेली रूपाली बहुत ही अकेली पड़ गई पर जैसा की उसका स्वभाव था उसकी वजह से सब उसको बड़ा स्नेह देते थे।
एक दिन की बात है जब रूपाली मासिक धर्म से थी तो वो रसोई घर में कुछ काम करके वापस आई और पीछे से उसकी जेठानी की आवाज आई की देखो रूपाली के मासिक धर्म में भी रसोई के काम करने की वजह से ये खाने का सामान खराब हो गया है. रूपाली की सासु जो की इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी वो भी ये सुन कर दिशा की बात पर विश्वास करने लगी की सच में रूपाली के मासिक धर्म होते हुए काम करने पर चीज़े खराब होने लगी है।
ये बात धुएं की तरह से पूरे गांव में फेल गई।रूपाली को इसकी वजह से बहुत कुछ खरी–खोटी सुननी पड़ी। अशिक्षित होने के कारण उसे भी यही लगने लगा की मेरी वजह से ही सब हुआ है। कुछ दिनों बाद गांव की आंगनबाड़ी की डॉक्टर गांव के दौरे पर आई,उन्होंने ये बात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मुख से सुनी और उनकी इच्छा हुई की वो रूपाली और उनके परिवार से जाकर बात करें। अपना कार्य पूर्ण करके वो रूपाली के घर गई, वहां सभी को एक साथ बुला कर चौक में बैठक लगाई।
तब पूरी बात जानने की कोशिश की और सभी को समझाया की मासिक धर्म एक जरूरी प्राकृतिक घटना है,अगर ये न हो तो कोई स्त्री मां बनने का सौभाग्य भी न पा सके।
जैसे की घर में मासिक धर्म होने पर स्त्री को अलग रखा जाता है वो इसलिए क्यूंकि इन दिनों स्त्री को ज्यादा ध्यान और आराम करने की जरूरत होती है, इसीलिए ये नियम बनाए गए है। कुछ दिशा जैसे अशिक्षित व अज्ञान लोग इन नियमों का महत्व नहीं समझ पाते है और उनका नतीजा ये निकलते है की अगर मासिक धर्म वाली स्त्री किसी चीज को छू लेती है तो वो खराब हो जाती है।
दिशा को भी बात समझ आई और उसने रूपाली से माफी मांगी की उसने ऐसा उसे बुरा बनाने के लिए किया था क्यूंकि वो आते ही सभी की चहेती बन चुकी थी ईर्षा वश उसने रूपाली को सभी के समक्ष बुरा बना दिया । रूपाली ने उसे क्षमा कर दिया और सभी सुखपूर्वक रहने लगे.
— उषा सोलंकी

उषा सोलंकी

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