कविता

कोई साथ ना जायेगा

कोई तेरे साथ ना आया है
अकेले ही पाया ये काया है
हर कोई जग में है अनजान
अकेले का है तेरा  जहान

अकेला ही ये तेरी   धरती
वापस अकेले ही जायेगा
हर कोई जग में है अनजान
अकेले का है तेरा जहान

मोहमाया मन की साया है
जीवन पल भर का छाया है
हर कोई जग में है अनजान
अकेले का है तेरा जहान

कर्म तेरा जो कर पाया है
कुकर्म तेरा ही  कमाया है
यमपुरी तेरा है अनजान
अकेले का है तेरा जहान

धन दौलत जो पाया है
साथ कभी ना जा पाया है
हर कोई जग में है अनजान
अकेले का है तेरा जहान

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088