कहानी

कर्मफल

रीना और मीरा दो बहनें थी रीना की माँ बचपन में ही चल बसी. रीना के पापा ने दूसरी शादी कर ली, जब रीना 15 बरस की हुए तो उसके पापा भी बीमारी के चलते उनका भी देहांत हो गया ,अब रीना की  सौतेली मां ने उसको परेशान करना शुरू कर  दिया, उसकी पढ़ाई भी बंद करवा दी मीरा भी उससे ठीक से बात नही करती थी, एक दिन मीरा को कुछ  रूपयों की  जरूरत आ गयी उसने अपनी मां से पैसे मांगे माँ ने मना कर दिया  उसने रुपए चोरी कर लिए
चोरी का आरोप रीना पर लगा दिया , जिससे उसकी माँ ने उसकी पिटाई लगाई वो मना करती रही ,लेकिन माँ ने मीरा पर विश्वास किया समय बीतता  गया  रीना की  शादी एक गरीब घर मे कर दी, मीरा की  शादी  अमीर घर मे कर दी मीरा के सुसराल वाले लालची किस्म के थे वो मीरा से रुपए की मांग करने लगे, उसको परेशान
करते थे एक दिन  मीरा के दिमाग के बात आई कि माँ से घर के पेपर साइन करवा लू तो शायद सुसराल वाले मुझे परेशान न करें घर बेचकर मैं इनको रुपये दे दू यही सोचकर मीरा ने धोखे से पेपर साइन करा लिए और घर से माँ को निकाल दिया , रीना भले ही गरीब थी लेकिन खुश थी उसको जब पता चला कि उसकी बहन ने  माँ  को घर से बाहर निकाल दिया, उसको बहुत दुख हुआ ढूढ़ते  हुए उसे माँ मिल गयी वो बोली” माँ तुम मेरे घर चलो वहीं रहना माँ रोती हुए बोली” मैने तुम्हारे साथ बहुत बुरा किया ये मेरे कर्मो की सजा है जो मुझे आज मिली है”
रीना बोली” माँ आप ऐसा मत बोलो  आप तो मेरी एक अच्छी माँ हो ऐसा कहकर वो उनके गले लग गयी, और उन्हें अपने घर ले जाकर खुशी खुशी रहने लगी,
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश