कविता

भोला बचपन

शरारत से
भरा वो बचपन
कहाँ खो गया

हाथों में मिट्टी

धूल भरे कपड़े
भोला सा मुख

गुड़िया गुडे
खेल खिलौना संग
दिन बिताना

सुहाने थे दिन

कहां खो गए सब
यादों में बसे

संगी वो
दोस्तों की वो बातें
किस्से कहानी

पिछले दिनों की
वो यादें सुनहरी
कोई लौटा दे

— रचना वर्मा

 

रचना वर्मा

जन्मस्थान- गोरखपुर, उत्तर-प्रदेश शिक्षा- एम.ए, अर्थशास्त्र, बी.एड कुछ वर्ष अध्यापन कार्य लेखन में रुचि के कारण कुछ समाचार पत्रिकाओं में ब्लॉग तथा लेख लिखे और फेसबुक पर अपना अंगना मैगजीन से जुड़ कर छंद, माहिया, दोहे और हाइकु जैसी विधाओं से परिचय हुआ । प्रकाशित लेख - संग्रह " कही- अनकही" वर्तमान पता- मुम्बई rachna_ varma@ hotmail.com