गीत/नवगीत

एक उम्मीद

आशा है अब ,अन्धकार छटेगा
भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा ।।

सिर्फ धन्नासेठ ही , नही बढ़ेंगे
गरीबों के भी, चेहरे खिलेंगे
मध्यम वर्ग को अब, न्याय मिलेगा
भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा।।

यौन अपराधों में, होगी गिरावट
खत्म हो गी,खाद्यान्न में मिलावट
सवेरे के सूरज से, अमृत बरसेगा
भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा।।

न्याय प्रणाली, हमारी ढीली ढाली
कछुए की चाल से,अब भी चलती
इसमें आवश्यक, सुधार झलकेगा
भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा ।।

प्रति व्यक्ति आय में, होगी बढ़ोतरी
शिक्षा, स्वास्थ्य में, होगी तरक्की
स्कूलों, अस्पतालों का
स्तर सुधरेगा
भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा ।।

रक्षा प्रणाली में, मजबूती तो आई
हमने भी दुश्मन को, आंखें दिखाई
आखिर शत्रु न, कब तक समझेगा
भ्रष्टाचार का, दानव मिटेगा।।

बढ़ती जनसंख्या, है बड़ी समस्या
तमाम मुश्किलों, की जड़ यही है
आशा है इसका भी, हल निकलेगा
भ्रष्टाचार का , दानव मिटेगा।।

प्रदूषण पर नियंत्रण, बहुत जरूरी
अपराधी पर शिकंजा,बहुत जरुरी
कानून का हंटर, जमकर चलेगा
भ्रष्टाचार का , दानव मिटेगा।।

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई