कविता

दर्द तो आखिर दर्द होता है

दर्द तो आखिर दर्द होता है
दर्द बांटना भी एक दवा होती है,
किसी के बहते आंसु को पोंछना
खुदा की दुवा से कम नही होती है।

दुनिया मे दर्द बहुतों को है
और इसे देने वाले भी कम नही है,
अब ये जीना सीख लिए हैं
पर दर्द देने वालो को चैन नही है।

बेसहारों का अपना कोई नही है
बेबसी किसी को दिखती नही है
बेबसी का मजाक उड़ाया जाता है
पर किसी की आवाज उठती नही है।

अभाव,गरीबी भी कम नही है
दो जून की रोटी मयस्सर नही है
यहां सम्पन्नों की कमी नही है
पर उनको कोई खबर नही है।

दर्द का कारण बनने से अच्छा है
हम दर्द मिटाने वाले बन जाएं,
उनको भी कुछ खुशियाँ मिले
हम खुशी बांटने वाले बन जाएं।

— अशोक पटेल “आशु”

*अशोक पटेल 'आशु'

व्याख्याता-हिंदी मेघा धमतरी (छ ग) M-9827874578