विविध

शे’र..

मैं चाहता रहा हरदम हालात मेरे दुरस्त हों,
ज़िंदगी इसी जुस्तजू में देखो हाथों से निकल गई!

तुम्हारी बातों का जिक्र भी दिल को अजीब सा सुकून देता है,
तुम मिल जाओ अगर सदा के लिए तो हाले दिल ब्यां कैसे करेंगे!

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |